अपराध के ग्राफ को नीचे लाने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
चंडीगढ़ : नव-गठित गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्स (एजीटीएफ) के हरकत में आते ही डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब वी.के. भावरा ने आज राज्य के लोगों को पंजाब की शांति और सद्भावना को भंग करने और असुरक्षा की भावना पैदा करने की कोशिश करने वाले असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए पुलिस बल को सहयोग देने का आह्वान किया।
गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों पर एडीजीपी प्रमोद बान के नेतृत्व में एजीटीएफ का गठन किया गया, जिससे ख़ुफिय़ा जानकारी का प्रयोग करके और पंजाब पुलिस की क्षेत्रीय इकाईयों के तालमेल के साथ गैंगस्टरों के विरुद्ध कार्यवाही और तेज़ की जा सके। एजीटीएफ सीधे तौर पर डीजीपी पंजाब की निगरानी अधीन काम करेगी।
अपनी पहली प्रैस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डीजीपी वी.के. भावरा ने कहा कि राज्य में गैंग्स्टरों से सम्बन्धित कत्ल की वारदातों में वृद्धि होने संबंधी हाल ही में मीडिया रिपोर्टें सामने आईं हैं, परन्तु वास्तव में पिछले दो वर्षों के मुकाबले इस वर्ष कत्ल की वारदातों के रुझान में कमी आई है। इस मौके पर डीजीपी के साथ एडीजीपी आंतरिक सुरक्षा आर.एन. ढोके और एडीजीपी प्रमोद बान, जोकि एजीटीएफ के प्रमुख हैं, भी उपस्थित थे।
अपराध सम्बन्धी आंकड़ों के अनुसार राज्य में इस वर्ष लगभग 100 दिनों में 158 कत्ल हुए हैं, जिसके हिसाब से प्रतिमाह औसतन 50 कत्ल बनते है, जबकि पिछले वर्षों के दौरान, कत्ल की वारदातों की संख्या साल 2021 और साल 2020 में क्रमवार 724 और 757 थीं, जिसके साथ साल 2021 और साल 2020 के लिए औसतन प्रतिमाह कत्ल की वारदातों की संख्या क्रमवार 60 और 65 रही है।
अपराध के ग्राफ को और नीचे लाने के लिए लोगों के सहयोग की माँग करते हुए डीजीपी ने कहा, ‘‘पंजाब पुलिस राज्य में गैंगस्टरवाद को ख़त्म करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इस दिशा में कोशिशें जारी रहेंगी।’’
अधिक जानकारी देते हुए डीजीपी वी.के. भावरा ने बताया कि 1 जनवरी, 2022 से संगठित गिरोहों और अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस की विभिन्न इकाईयों ने इन गतिविधियों में शामिल 16 गैंगस्टर माड्यूलों का पर्दाफाश किया है और इनमें शामिल 98 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया है। उन्होंने बताया कि इनके पास से हथियारों का बड़ी खेप भी बरामद की गई है, जिसमें चार राईफलें और 68 पिस्तौल/रिवॉल्वर शामिल हैं। इसके अलावा इन अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 30 वाहनों को भी ज़ब्त किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 2022 में 6 गैंगस्टर अपराधों से सम्बन्धित हत्याएँ हुईं, जिनको पेशेवर ढंग से जाँच के उपरांत सुलझाया गया और इन मामलों में शामिल कुल 24 दोषियों को 7 पिस्तौलों, 18 कारतूसों और 7 वाहनों समेत गिरफ़्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सभी अंधे कत्ल थे, जिनमें दोषियों की पहचान नहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि बाकी दोषियों को भी जल्द गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।
डीजीपी ने कहा कि इसके अलावा, साल 2022 के दौरान 9 कत्ल हुए थे, जिनसे आम लोगों में सनसनी फैल गई थी, का गैंग्स्टरों से कोई सम्बन्ध नहीं पाया गया। उन्होंने आगे कहा कि इन मामलों को भी सुलझा लिया गया है और इनमें शामिल ज़्यादातर मुलजि़मों को गिरफ़्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इन अपराधों के पीछे पारिवारिक/वैवाहिक विवाद, रंजिश या पैसों के लेन-देन का झगड़ा आदि मुख्य कारण पाए गए हैं।
पंजाब पुलिस का सक्रिय दृष्टिकोण और समय पर हस्तक्षेप का उदाहरण देते हुए डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने हाल ही में एक इमीग्रेशन सलाहकार की हत्या, एक विरोधी गैंग मैंबर की हत्या, एक विद्यार्थी (प्रमुख पेशेवर का बेटा) का अपहरण करने और एक व्यापारी की हत्या, जैसे गैंग्स्टरों से सम्बन्धित चार गंभीर अपराधों को रोकने में सफलतापूर्वक कामयाबी हासिल की है।
डीजीपी ने यह भी कहा कि लाइसेंसशुदा हथियार निजी सुरक्षा के लिए होते हैं, ना कि अपराध करने या निजी रंजिशों के लिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी हथियार लाइसेंस धारकों से अपील करता हूँ कि वह अपने हथियारों का प्रयोग केवल अपनी सुरक्षा के लिए करें।’’
गौरतलब है कि पंजाब पुलिस राज्य में सक्रिय गैंगस्टरों के विरुद्ध प्रभावशाली ढंग से कार्यवाही कर रही है और पिछले कुछ सालों के दौरान ए, बी और सी श्रेणियों के 545 गैंग्स्टरों की सफलतापूर्वक पहचान की जा चुकी है। इन गैंगस्टरों में से 515 गैंगस्टरों के विरुद्ध पहले ही प्रभावी कार्यवाही करके बड़ी संख्या में हथियार, वाहन और संचार उपकरण बरामद किए गए हैं।